Dil Hi To Hai

Chitra Singh, Nitish R Kumar, Sachin Gupta

दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ रोएँगे हम हज़ार बार रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त क़ैद-ए-हयात-ओ-बन्द-ए-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं क़ैद-ए-हयात-ओ-बन्द-ए-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं मौत से पहले आदमी ग़म से निजात पाए क्यूँ दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ 'ग़ालिब"-ए-ख़स्ता के बग़ैर कौन से काम बन्द हैं 'ग़ालिब"-ए-ख़स्ता के बग़ैर कौन से काम बन्द हैं रोइए ज़ार-ज़ार क्या, कीजिए हाय-हाय क्यूँ दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त 'ग़ालिब"-ए-ख़स्ता के बग़ैर कौन से काम बन्द हैं रोइए ज़ार-ज़ार क्या, कीजिए हाय-हाय क्यूँ दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ

Written by: Ghalib Mirza, Jagjit SinghLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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