Yeh Na Thi Hamari Qismat

Chitra Singh

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते यही इन्तिज़ार होता ये न थी हमारी क़िस्मत कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता ये न थी हमारी क़िस्मत कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीमकश को कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीमकश को ये ख़लिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता ये ख़लिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता ये न थी हमारी क़िस्मत

Written by: JAGJIT SINGH, MIRZA GHALIBLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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