Hum Mein Hi Thi Na Koi Baat

Chitra Singh, Jagjit Singh

हम ही में थी न कोई बात (हम ही में थी न कोई बात) याद ना तुम को आ सके (याद ना तुम को आ सके) हम में ही थी न कोई बात (हम में ही थी न कोई बात) याद ना तुम को आ सके (याद ना तुम को आ सके) तुमने हमें भुला दिया (तुमने हमें भुला दिया) हम न तुम्हें भुला सके (हम न तुम्हें भुला सके) हम में ही थी न कोई बात (हम में ही थी न कोई बात) याद ना तुम को आ सके (याद ना तुम को आ सके) तुमने हमें भुला दिया (तुमने हमें भुला दिया) हम न तुम्हें भुला सके (हम न तुम्हें भुला सके) तुम ही न सुन सको अगर, क़िस्सा-ए-ग़म सुनेगा कौन तुम ही न सुन सको अगर, क़िस्सा-ए-ग़म सुनेगा कौन किस की ज़ुबाँ खुलेगी फिर (किस की ज़ुबाँ खुलेगी फिर) हम न अगर सुना सके (हम न अगर सुना सके) हम मे ही में थी न कोई बात (हम मे ही में थी न कोई बात) याद ना तुम को आ सके (याद ना तुम को आ सके) तुमने हमें भुला दिया (तुमने हमें भुला दिया) हम न तुम्हें भुला सके (हम न तुम्हें भुला सके) रौनक़-ए-बज़्म बन गए लब पे हिकायतें रहीं रौनक़-ए-बज़्म बन गए लब पे हिकायतें रहीं दिल में शिकायतें रहीं लब न मगर हिला सके (दिल में शिकायतें रहीं लब न मगर हिला सके) हम मे ही में थी न कोई बात (हम मे ही में थी न कोई बात) याद ना तुम को आ सके (याद ना तुम को आ सके) तुमने हमें भुला दिया (तुमने हमें भुला दिया) हम न तुम्हें भुला सके (हम न तुम्हें भुला सके) शौक़-ए-विसाल है यहाँ, लब पे सवाल है यहाँ शौक़-ए-विसाल है यहाँ, लब पे सवाल है यहाँ किस की मजाल है यहाँ (किस की मजाल है यहाँ) (आ आ आ आ) हम से नज़र मिला सके (हम से नज़र मिला सके) (आ आ आ आ) हम मे ही में थी न कोई बात (हम मे ही में थी न कोई बात) याद ना तुम को आ सके (याद ना तुम को आ सके) तुमने हमें भुला दिया (तुमने हमें भुला दिया) हम न तुम्हें भुला सके (हम न तुम्हें भुला सके) हम मे ही में थी न कोई बात (हम मे ही में थी न कोई बात) याद ना तुम को आ सके (याद ना तुम को आ सके)

Written by: HAFEEZ JULLUNDHARI, JAGJIT SINGHLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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