Main Ek Paheli Hoon
सुमन कल्याणपुर
मैं एक पहेली हूँ
बरसो से अकेली हूँ
मुझे जानने वाला कोई नहीं
पहचानने वाला कोई नहीं
मैं एक पहेली हूँ
बरसो से अकेली हूँ
मेरे पास आ मेरे मेहरबा
न दूर ही से सजा मुझे
मैं हूँ एक चिराग बुझा हुआ
तू जला सके तो जला मुझे
तू जला सके तो जला मुझे
मैं एक पहेली हूँ
बरसो से अकेली हो
मेरी कब से है यही आरज़ू
के मुझे गले से लगाये तुझे
तेरे दिल का दर्द मिटाऊ मैं
मेरे दिल की प्यास बुझाए तू
मेरे दिल की प्यास बुझाए तू
मैं एक पहेली हूँ
बरसो से अकेली हूँ
तुह्जे क्या खबर के तेरे लिए
मैं न जाने कब से उदास हु
मेरा प्यार देख के हर घडी
तेरे साथ हूँ तेरे पास हूँ
तेरे साथ हूँ तेरे पास हूँ
मैं एक पहेली हूँ
बरसो से अकेली हूँ
मुझे जानने वाला कोई नहीं
पहचानने वाला कोई नहीं
मैं एक पहेली हूँ
बरसो से अकेली हूँ
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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