Abtak

उद्भव

अपने इन प्रश्नो को मैने पूछा तुमसे यू ही पर तुम कुछ कह सकी नही, सोचु मैं पूछे क्यू ही अपने इन प्रशनो को मैने पूछा तुमसे यू ही समझा ना मैं अबतक, तू क्यू रहती है रूठी मैं ला डू तुझको Jackob, मैं ला डू तुझको Gucchi समझा ना मैं अबतक, तू क्यू रहती है रूठी समझा ना मैं अबतक, तुझसे मेरी ये दूरी समझा ना मैं अबतक, तू गीली है या सूखी होते थे जैसे पहले हम बन सकते फिर वो ही काश वैसी सी एक फ़ुर्सत, ना दूरी ना मजबूरी सुत्ते जलते कभी कभी, बकचोदी चलती पूरी ना होता था कुछ मतलब, ना था तब कुछ भी ज़रूरी गाने चलते थे तरह तरह के, सुनते थे बस यू ही मालूम थी बस एक चाहत, के चैन मे लटकी चुर्री मालूम थी बस एक चाहत, के चैन मे लटकी चुर्री समझा ना मैं अबतक तुझसे मेरी ये दूरी समझा ना मैं अबतक तुझसे मेरी ये दूरी समझा ना मैं अबतक तुझसे मेरी ये दूरी अपने इन प्रशनो को मैने पूछा तुमसे यू ही पर तुम कुछ कह सकी नही, सोचु मैं पूछे क्यू ही अपने इन प्रशनो को मैने पूछा तुमसे यू ही छिपना मुझको कबतक, रोता हूँ मैं क्यू ही जाना मैने अभी अभी बन सकता है एक मकसद भटका था मैं कहाँ कहाँ पर पहुच ही गया घर तक जागा हूँ मैं कबसे, जागूंगा मैं कबतक सोचा करता अक्सर, सोचा करता अक्सर जागा हूँ मैं कबसे, जागूंगा मैं कबतक जो कुछ तुझमें देखा था वो सब है मेरे अंदर पहुँचू उस तक कैसे, मैं सोचा करता अक्सर जो कुछ तुझमें देखा था वो सब है मेरे अंदर पहुँचू उस तक कैसे, मैं सोचा करता अक्सर समझा ना मैं अबतक, की होती है तू यूँ ही छिपना मुझको कबतक, रोता हूँ मैं क्यू ही जाना मैने अभी अभी बन सकता है एक मकसद भटका था मैं कहाँ कहाँ पर पहुच ही गया घर तक जागा हूँ मैं कबसे, जागूंगा मैं कबतक सोचा करता अक्सर, सोचा करता अक्सर जो कुछ तुझमें देखा था वो सब है मेरे अंदर पहुँचू उस तक कैसे, मैं सोचा करता अक्सर पहुँचू उस तक कैसे, मैं सोचा करता अक्सर पहुँचू तुझ तक कैसे, मैं सोचा करता अक्सर ओ ओ Yo This is a fucking I just sent you all a ten hour long voice note to the wrong group

Written by: उद्भवLyrics © O/B/O DistroKidLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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