Aankhein

Roy, उद्भव, Karun

(?) भरा है मेरा दिल भरा है मेरी आँखें खुली हैं मेरा दिल भरा है मेरी आँखें खुली हैं मुझे दिख रहा है मुझे दिख रहा है मुझे दिख रहा है मुझे दिख रहा है अब फूलोए का, तारोए का, और दारोगा से अब तुझे क्या कुछ तो लोग कहेंगे रानी बेहती जा तू बेहती जा ख़यालो और सवालो के बादल हटके सूरज ला मंज़िल कोरा काग़ाज़, अब तू आई है कुछ लिख के जा वाह भाई वाह वाह भाई वाह लाल क़ुले में क्या हुआ मुझे क्या तुझे क्या यह सौ रुपई की घड़ी क्या टाइम तो अपना आएगा तू बेहती जा उभरती जा भेरियों की टोली से तो शेरनी कभी डरती ना निक्के निक्के shot इनके, निक्की निक्की सोच जिनपे करना ना अफ़सोस बस तू पन्ने अपनी भरती जा पिशाच, कौन खरगोश आँखेई खोल, सुन और सोच मॅन में रखना ना संकोच अपना ग्रंथ खुद ही लिख के जा नाम करूँ मेरा बातें करा दू तेरी ग्रंथ लिखी जो मैने हाथ चला दू मैं भी शब्दकोष तेरे मूह पे जो फेंका मैने दर्द रोज़ रोज़ सहते यहा पे है नही इतने साल लगे इतने पाप घधा भर दू आज ना कोई पच्यताप करू पूरी रात तेरी पूजा आज देदे दिल को mat तेरी काली ज़त मैने किया ना है कुछ भी करम तेरा भरम बिन बातों का सितम तुझे आई ना इतनी शरम मेलो सा लगता जाहान यहाँ होता ना रात मिलन मेलो सा लगता जाहान यहाँ होता ना रात मिलन भरा है मेरा दिल भरा है मेरी आँखें खुली हैं मेरा दिल भरा है मेरी आँखें खुली हैं मुझे दिख रहा है मुझे दिख रहा है मुझे दिख रहा है मुझे दिख रहा है अब भरा है मेरा दिल भरा है मेरी आँखें खुली हैं मेरा दिल भरा है मेरी आँखें खुली हैं मुझे दिख रहा है मुझे दिख रहा है मुझे दिख रहा है मुझे दिख रहा है अब

Written by: Karun KohliLyrics © O/B/O DistroKidLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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