Ae Wadi Shehzadi

पापाेन

ऐ वादी शहज़ादी बोलो कैसी हो क्या अब भी वहाँ सेहर शिकरा करते हैं चार चिनार पे वक़्त गुज़ारा करते हैं क्या अब भी वो झील बर्फ़ हो जाती है जिस्पे बच्चे खेल खिलारा करते हैं ऐ वादी शहज़ादी बोलो कैसी हो ऐ वादी शहज़ादी बोलो कैसी हो ऐ वादी शहज़ादी बोलो कैसी हो बिन तेरे ख़ाली हूँ मैं बिन तेरे काली हूँ मैं क्या तुम भी वैसी हो ऐ वादी शहज़ादी बोलो कैसी हो क्या अब भी तुम सब्ज़ सुनहरी होती हो या गरमी की नरम दोपहरी होती हो क्या अब भी जो शाम का सूरज ढलता है कच्चे घर की छत पे ठहरी होती हो ऐ वादी शहज़ादी बोलो कैसी हो ऐ वादी शहज़ादी अपनी क्या लिखूँ हर पल तेरी याद सताती रहती है आती जाती हर एक साँस ये कहती है जान का क्या आती जाती रहती है एक दिन तुमसे मिलने वापस आऊँगा क्या है दिल में सब कुछ तुम्हें बताऊँगा कुछ बरसों से टूट गया हूँ खंडित हूँ वादी तेरा बेटा हूँ मैं पंडित हूँ कुछ बरसों से टूट गया हूँ खंडित हूँ वादी तेरा बेटा हूँ मैं पंडित हूँ

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store