Main To Chalta Hi Rahaa
पापाेन
न न न न न
मैं तो चलता ही रहा ओ रास्ता
मुझे मिलता ही गया
मैं तो चलता ही रहा ओ रास्ता
मुझे मिलता ही गया
कुछ हाथ देके भी
खींचे चले थे
कुछ साथ होके भी
पीछे पड़े थे
मैं संभलता ही रहा ओ रास्ता
मुझे मिलता ही गया
(?)
इक गाओं ऐसा आया रे बंधुआ
प्यासे पड़े थे बड़े
कलसे थे सूखे कुआँ था अँधा
पानी चढ़े ना पड़े
कौवे ने कहीं से पत्थर जुटा के
चोंच भर भर के कुवे मे फेंके
गाओं फिर छलकता ही रहा
एक शहर मे माया और मुक्ति
लुभाती थी वो बड़ी
एक शहर मे माया और मुक्ति
लुभाती थी वो बड़ी
सज धज के चोखत पे यूँ
मायूस दोनो थी खड़ी
मुक्ति की माया मे
गोल गोल घूमे कभी
माया से मुक्ति की
धक ढोल बजे कही
दोनो ना पल्ले पड़े
मैं क्या जानू रे शातिर हैं दोनो
इक बिन दूजी ना लदे
माया और मुक्ति का
मैने शहर छ्चोड़ा रे
बाहर ही मिली शांति (बाहर ही मिली शांति)
मैं उसी का हुआ रे (मैं उसी का हुआ रे)
मैं चलता ही रहा ओ रास्ता
मुझे मिलता ही गया
मैं चलता ही रहा ओ रास्ता
मुझे मिलता ही गया (ओ)
कुछ हाथ देके भी
खींचे चले थे
कुछ साथ होके भी
पीछे पड़े थे
मैं संभलता ही रहा ओ रास्ता (आ)
मुझे मिलता ही गया (आ)
मैं चलता ही रहा ओ रास्ता (आ)
मुझे मिलता ही गया (आ)
आ आ
Written by: PAPON, PROTIQE MAZOOMDARLyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now