आसमाँ पे ज़िंदा मैं इक परिंदा मैं
चल चलूँ जहाँ तू कहे
रास्तों पे तेरा ही बनके हमराही
चल चलूँ जहाँ तू कहे झू रा तारा रा
आसमाँ पे ज़िंदा मैं इक परिंदा मैं
चल चलूँ जहाँ तू कहे
छोटे से बहाने पे इक बुलावे पे
चल चलूँ जहाँ तू कहे
साथ में जो बहे किनारे मिलेंगे कभी
साथ में सिलसिले बढ़ा ले
अगर तो क्या हो ग़म फिर
तू चले तो होश खो के चल दूँ मैं भी खुमार में
तू चले तो आओ आओ चले तो
तू चले तो ख्वाब जैसे मंज़र हो इंतज़ार में
तू चले तो मिलेंगे जीने के बहाने सौ
जाना है कहाँ जी क्यूँ हो परेशाँ जी
सोचेंगे सफ़र में ही हम
नाम की है मंज़िल होना हो ये हासिल
देखेंगे सफ़र में ही हम
तो भला क्या गिला की देर से तू क्यूँ मिला
राह पर हमसफ़र
जो बनके चले तो क्या हो ग़म फिर
तू चले तो होश खो के चल दूँ मैं भी खुमार में
तू चले तो आओ आओ चले तो तू चले तो
तू चले तो ख्वाब जैसे मंज़र हो इंतज़ार में
तू चले तो मिलेंगे जीने के बहाने सौ
यूँ तो हूँ मुसाफिर मैं तेरी खातिर मैं
चल चलूँ जहाँ तू कहे
रास्तों पे तेरा ही बनके हमराही
चल चलूँ जहाँ तू कहे
जहाँ तू कहे
Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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