Muddat Ki Tamannaon Ka Sila

महेंद्र कपूर

मुद्दत की तमन्नाओ का सिला जज़्बात को अब मिल जाने दो मुद्दत की तमन्नाओ का सिला जज़्बात को अब मिल जाने दो जिस तरह मिली है दो रहे उस तरह से लब मिल जाने दो मुद्दत की तमन्नाओ का सिला सिने से हटा दूँ आँचल को शोने से झटक दो ज़ुल्फो को सिने से हटा दूँ आँचल को शोने से दो ज़ुल्फो को शोने से झटक दो ज़ुल्फो को जाती हुई रंगीन घडियो को रुकने का सबब मिल जाने दो मुद्दत की तमनाओ का सिला इन पाक गुनाहो की घडिया आती है मगर हर रात नहीं इन पाक गुनाहो की घडिया आती है मगर हर रात नहीं आती है मगर हर रात नहीं इस रात में सब खो जाने दो इस रात में सब मिल जाने दो मुद्दत की तमनाओ का सिला

Written by: Ravi, Sahir LudhianviLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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