Aap Ke Bheegi Hue Jism

महेंद्र कपूर

आपके भीगे हुए जिस्म से आंच आती है दिल को गरमाती है जज़्बात को भड़काती है आपके पास जो आएगा पिघल जाएगा इस हरारत से जो उलझेगा वो जल जायेगा आपके पास जो आएगा पिघल जाएगा आपका हुस्न वो शबनम है जो शोलो में पले गर्म खुश्बुओ में तपते हुए रंगों में ढले किसका दिल है जो सम्भाले से संभल जाएगा आपके पास जो आएगा पिघल जाएगा होंठ है या किसी शायर की दुआओं का जवाब ज़ुल्फ़ है या किसी सावन के तलबगार का ख्वाब ऐसे जलवो को जो देखेगा मचल जाएगा आपके पास जो आएगा पिघल जाएगा इस कदर हुस्न किसी एक में देखा न सुना उसका क्या कहना जिसे आपने हमराज़ चुना उसकी तक़दीर का उनवां बदल जाएगा आपके पास जो आएगा पिघल जाएगा

Written by: Ravi, Sahir LudhianviLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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