Lakhon Taare Aasmaan Main

कमलेश अवस्थी, उत्तरा केळकर

लाखों तारे आसमान में एक मगर ढूँढे ना मिला देखके दुनिया की दीवाली दिल मेरा चुपचाप जला दिल मेरा चुपचाप जला लाखों तारे आसमान में एक मगर ढूँढे ना मिला देखके दुनिया की दीवाली दिल मेरा चुपचाप जला दिल मेरा चुपचाप जला लाखों तारे आसमान में एक मगर ढूँढे ना मिला एक मगर ढूँढे ना मिला क़िस्मत का है नाम मगर ये काम है ये दुनिया वालों का फूँक दिया है चमन हमारे ख़्वाबों और खयालों का जी करता है खुद ही घोंट दें अपने अरमानों का गला देखके दुनिया की दीवाली दिल मेरा चुपचाप जला दिल मेरा चुपचाप जला लाखों तारे आसमान में एक मगर ढूँढे ना मिला एक मगर ढूँढे ना मिला सौ सौ सदियों से लम्बी ये ग़म की रात नहीं ढलती इस अंधियारे के आगे अब ऐ दिल एक नहीं चलती हंसते ही लुट गई चाँदनी और उठते ही चाँद ढला देखके दुनिया की दीवाली दिल मेरा चुपचाप जला दिल मेरा चुपचाप जला लाखों तारे आसमान में एक मगर ढूँढे ना मिला देखके दुनिया की दीवाली दिल मेरा चुपचाप जला दिल मेरा चुपचाप जला

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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