Khialon Main Kisi Ke

सविता साठे, कमलेश अवस्थी

ख़यालों में किसी के इस तरह आया नहीं करते किसी को बेवफ़ा आ आ के तड़पाया नहीं करते ख़यालों में किसी के इस तरह आया नहीं करते किसी को बेवफ़ा आ आ के तड़पाया नहीं करते ख़यालों में किसी के हँसी फूलों की दो दिन चाँदनी भी चार दिन की है चाँदनी चार दिन की है हँसी फूलों की दो दिन चाँदनी भी चार दिन की है चाँदनी चार दिन की है मिली हो चाँद सी सूरत तो इतराया नहीं करते किसी को बेवफ़ा आ आ के तड़पाया नहीं करते ख़यालों में किसी के इस तरह आया नहीं करते किसी को बेवफ़ा आ आ के तड़पाया नहीं करते ख़यालों में किसी के जिन्हें मिटना हो वो मिटने से डर जाया नहीं करते वो डर जाया नहीं करते जिन्हें मिटना हो वो मिटने से डर जाया नहीं करते वो डर जाया नहीं करते मुहब्बत करने वाले ग़म से घबराया नहीं करते किसी को बेवफ़ा आ आ के तड़पाया नहीं करते दिलों को रौंद कर दिल अपना बहलाया नहीं करते जो ठुकराए गए हों उनको ठुकराया नहीं करते दिलों को रौंद कर मुहब्बत का सबक सीखो ये जाकर जलनेवालों से ये जाकर जलनेवालों से मुहब्बत का सबक सीखो ये जाकर जलनेवालों से ये जाकर जलनेवालों से के दिल की बात भी लब तक कभी लाया नहीं करते जो ठुकराए गए हों उनको ठुकराया नहीं करते दिलों को रौंद कर दिल अपना बहलाया नहीं करते जो ठुकराए गए हों उनको ठुकराया नहीं करते ख़यालों में किसी के

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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