Kabhie Kisi Ko Muqammal Jahan
भूपिंदर सिंह
कभी किसिको मुकम्मल जहा नही मिलता
कभी किसिको मुकम्मल जहा नही मिलता
कही जमी तो कही आस्मा नही मिलता
कभी किसिको मुकम्मल जहा नही मिलता
जिसे भी देखिए वो अपने आप मे गुम है
जिसे भी देखिए वो अपने आप मे गुम है
जूबा मिली है मगर हुंजुबा नही मिलता
जूबा मिली है मगर हुंजुबा नही मिलता
कभी किसिको मुकम्मल जहा नही मिलता
बुज़ा सका है भला कौन वक्त के शोले
बुज़ा सका है भला कौन वक्त के शोले
ये ऐसी आग है जिस मे धुआ नही मिलता
ये ऐसी आग है जिस मे धुआ नही मिलता
कभी किसिको मुकम्मल जहा नही मिलता
तेरे जहाँ मे ऐसा नही के प्यार ना हो
तेरे जहाँ मे ऐसा नही के प्यार ना हो
जहा उम्मीद हो इसकी वाहा नही मिलता
जहा उम्मीद हो इसकी वाहा नही मिलता
कभी किसिको मुकम्मल जहा नही मिलता
कही जमी तो कही आस्मा नही मिलता
कभी किसिको मुकम्मल जहा नही मिलता
Written by: KHAYYAM, NIDA FAZLILyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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