Huzur Is Kadar

Bhupinder Singh, Raahi, Suresh Wadkar

आ आ, आ आ आ आ आ आ, आ आ आ आ हुज़ूर इस कदर भी न इतरा के चलिये हुज़ूर इस कदर भी न इतरा के चलिये खुले आम आँचल न लहरा के चलिये हुज़ूर इस कदर भी न इतरा के चलिये खुले आम आँचल न लहरा के चलिये हुज़ूर इस कदर भी न इतरा के चलिये कोई मनचला गर पकड़ लेगा आँचल आ आ, कोई मनचला गर पकड़ लेगा आँचल ज़रा सोचिये आप क्या कीजिएगा लगा दें अगर बढ़ के ज़ुल्फ़ों में कलियाँ लगा दें अगर बढ़ के ज़ुल्फ़ों में कलियाँ तो क्या अपनी ज़ुल्फ़ें झटक दीजिएगा हुज़ूर इस कदर भी न इतरा के चलिये खुले आम आँचल न लहरा के चलिये हुज़ूर इस कदर भी न इतरा के चलिये

Written by: GULZAR, RAHUL DEV BURMANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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