बन्दया तू मुंह मोड़ के ना जा
बन्दया तू मुंह मोड़ के ना जा
बन्दया देहलीज़ लांघ के ना जा
नैना बेचारे रो रो के हारे
छोड़ गया तू किसके सहारे
रुक जा रे ना जा रे
रुक जा रे ना जा रे
बन्दया तू मुंह मोड़ के ना जा
रब से होने लगे शिकवे हैं
हो रब से होने लगे शिकवे हैं
जब से तुमने कहा चलते हैं
पलकों से अश्क़ ये क्यों ना गिरे
सीने की जलन ये कैसे सहें
रुक जा रे ना जा रे
रुक जा रे ना जा रे
बन्दया तू मुंह मोड़ के ना जा
रस्ते खामोश क्यों बैठे हैं
रस्ते खामोश क्यों बैठे हैं
लम्हें सहमें से क्यों रहते हैं
किसी का तो इंतज़ार है इन्हें
सपने क्यों बेवज़ह ये बुने
रुक जा रे ना जा रे
थम जा रे ना जा रे
बन्दया तू मुंह मोड़ के ना जा
बन्दया तू मुंह मोड़ के ना जा
Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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