Saari Ki Saari 2.0

असीस कौर, दर्शन रावल

दूर होके भी पास मेरे हो सपनो से आगे अब तुम हक़ीक़त बन चुके हो दूर होके भी पास मेरे हो सपनो से आगे अब तुम हक़ीक़त बन चुके हो ये दर्द हैं जो तेरे तू कर दे उनको मेरे मेरी हर दुआ में तू पर हक़ीक़त में कहाँ सारी की सारी मेरी है तू तुझको कभी ना मैं बाँटूँ हारा दिल हारा तुझपे मैं ऐसे बेहोशी के आलम हो जैसे सारी की सारी मेरी है तू तुझको कभी ना मैं बाँटूँ हारा दिल हारा तुझपे मैं ऐसे बेहोशी के आलम हो जैसे यादें मेरी आयें जब भी सोच लेना क़रीब हूँ मैं ख़्वाब मेरे आए जब भी पलकों के नीचे ही हूँ मैं ये दर्द हैं जो तेरे तू कर्दे उनको मेरे मेरी हर दुआ में तू पर हक़ीक़त में कहाँ सारी की सारी तेरी हूँ मैं कभी दूर तुझसे ना जाऊँ चाहे लगे अर्सों आने में मुझे फिर दूर तुझसे ना जाऊँ ओ सारी की सारी मेरी है तू तुझको कभी ना मैं बाँटूँ हारा दिल हारा तुझपे मैं ऐसे बेहोशी के आलम हो जैसे

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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