Sardi Ki Raat

टोनी कक्कर

सर्दी की रातों में चाँद तले हम तुम सनम छुप के छत पे मिले मेरी किताबों में जो थे छिपे तुमने सनम खत वो फिर से पढ़े वो हँसना बेबाकी से तेरा सनम वो नज़रें झुकाना जो आए शरम ज़िक्र तेरा जब आएगा मुझे वो प्यार याद आएगा थे हम बेक़रार याद आएगा मुझे वो प्यार याद आएगा थे हम बेक़रार याद आएगा इक रोज़ मैं तुमसे नाराज़ था कोई ग़ैर जब तेरे पास था संभला ये दिल जब तुमने बताया वो कुछ भी नही महज़ एक इत्तेफाक था ज़ख्म दिल का भी भर जाएगा मुझे वो प्यार याद आएगा थे हम बेक़रार याद आएगा मुझे वो प्यार याद आएगा थे हम बेक़रार याद आएगा दिसम्बर के महिने की वो रात थी बड़े ज़ोर की तब बरसात थी घर पे तुम्हारे कोई देख लेगा इसी डर से तुने ना मुलाक़ात की अब दिसम्बर भी जब आएगा मुझे वो प्यार याद आएगा रोए बार बार याद आएगा था इश्क़ सवार याद आएगा कहाँ मेरा यार याद आएगा

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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