Jali Jo Shakh Chaman

तालात महमूद

जलि जो शाख़ ए चमन साथ बागबां भी जला जला के मेरे नशेमन को आसमान भी जला एक मैं हूँ एक मेरी बेक़सी की शाम है अब तो तुझ बिन ज़िन्दगी भी मुझ पे इक इल्ज़ाम है एक मैं हूँ एक मेरी दिल पे क्या गुज़री तेरे जाने से कोई क्या कहे दिल पे क्या गुज़री तेरे जाने से कोई क्या कहे साँस जो आती है वो भी दर्द का पैगाम है साँस जो आती है वो भी दर्द का पैगाम है एक मैं हूँ एक मेरी आंसुओं मुझ पर हंसा मेरे मुक़द्दर पर हंसो आंसुओं मुझ पर हंसा मेरे मुक़द्दर पर हंसो अब कहाँ वो ज़िन्दगी जिस का मुहब्बत नाम है अब कहाँ वो ज़िन्दगी जिस का मुहब्बत नाम है एक मैं हूँ एक मेरी बेक़सी की शाम है एक मैं हूँ एक मेरी

Written by: Anil Biswas, D N Madhok, Kaif IrfaniLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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