Dil Jawan Hain Arzoo Jawan

तालात महमूद

दिल जवां है आरज़ू जवां एक नज़र इधर भी मेहरबा कब तलक ये हमसे बेरुख़ी कब तलक रहेगी चुप ज़ुबां दिल जवां है आरज़ू जवां एक नज़र इधर भी मेहरबा कब तलक ये हमसे बेरुख़ी कब तलक रहेगी चुप ज़ुबां ये क्या ग़ज़ब है दिलरुबा है अपने आप से ख़फ़ा ढरी रहेगी हर अदा जो दिल किसीपे आ गया ग़ुरूर-ए-दिल रहेगा फिर कहाँ एक नज़र इधर भी मेहरबा कब तलक ये हमसे बेरुख़ी कब तलक रहेगी चुप ज़ुबां वो हुस्न क्या जो रूठके निगाह को न फेर ले वो इश्क़ क्या जो छेड़के न ज़ुल्फ़ को बिखेर दे वो सोज़ क्या उठे न जो धुआँ एक नज़र इधर भी मेहरबा कब तलक ये हमसे बेरुख़ी कब तलक रहेगी चुप ज़ुबां मैं जानता हूँ है फ़रेब ये झुकी नज़र तेरी उठी तो हार जायेगी ज़रूर मुस्कुराएगि न छुप सकेगी दिल की दास्तान एक नज़र इधर भी मेहरबा

Written by: Jaidev, Vishwamitra AdilLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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