और कुछ दिन यहाँ रुकने का बहाना मिलता
और कुछ दिन यहाँ रुकने का बहाना मिलता
इस नये शहर में कोई तो पुराना मिलता
इस नये शहर में कोई तो पुराना मिलता
और कुछ दिन
ले गए हम भी उसे मंदिरो मस्जिद कि तराफ
ले गए हम भी उसे मंदिरो मस्जिद कि तराफ
वरना हर राह मे उसका ही ठिकाना मिलता
वरना हर राह मे उसका ही ठिकाना मिलता
और कुछ दिन
साथ रहने की चुकाई है बड़ी कीमत भी
साथ रहने की चुकाई है बड़ी कीमत भी
छोड देते जो तुझे हम तो जमाना मिलता
छोड देते जो तुझे हम तो जमाना मिलता
और कुछ दिन यहाँ रुकने का बहाना मिलता
इस नये शहर में कोई तो पुराना मिलता
और कुछ दिन
Written by: शकील आज़मीLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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