Phir Le Aya Dil
शफकत अमानत अली
आ आ आ आ आ आ आ
फिर ले आया दिल मजबूर
क्या कीजे
आ आ आ आ फिर ले आया दिल मजबूर
क्या कीजे
रास न आया रहना दूर
क्या कीजे
दिल कह रहा उसे मुकम्मल कर भी आओ
वो जो अधूरी सी बात बाकी है
वो जो अधूरी सी याद बाकी है
वो जो अधूरी सी याद बाकी है
करते हैं हम आज कुबूल
क्या कीजे
हो गयी थी जो हमसे भूल
क्या कीजे
करते हम आज कुबूल
क्या कीजे
हो गयी थी जो हमसे भूल
क्या कीजे
दिल कह रहा उसे मुयस्सर कर भी आओ
वो जो दबी सी आंस बाकी है
वो जो दबी सी आंच बाकी है
वो जो दबी सी आंच बाकी है
वो जो दबी सी आंच बाकी है
किस्मत को है ये मंज़ूर
क्या कीजे
मिलते रहे हम बादस्तूर
क्या कीजे
किस्मत को है ये मंज़ूर
क्या कीजे
मिलते रहे हम बादस्तूर
क्या कीजे
दिल कह रहा है उसे मुस्सलसल कर भी आओ
वो जो अधूरी सी राह बाकी है
वो जो रुकी सी चाह बाकी है
वो जो रुकी सी चाह बाकी है
वो जो रुकी सी चाह बाकी है
वो जो रुकी सी चाह बाकी है
वो जो रुकी सी चाह बाकी है
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now