Dil Kya Kare

सनम

दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए ऊँची ऊँची दीवारों सी इस दुनिया की रस्में न कुछ तेरे बस में न कुछ मेरे बस में दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए जैसे पर्वत पे घटा झुकती है जैसे सागर से लहर उठती है ऐसे किसी चहरे पे निगाह रुकती है जैसे पर्वत पे घटा झुकती है जैसे सागर से लहर उठती है ऐसे किसी चहरे पे निगाह रुकती है रोक नहीं सकती नज़रों को दुनिया भर की रस्में न कुछ तेरे बस में ए न कुछ मेरे बस में दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए आ मैं तेरी याद में सब को भुला दूँ दुनिया को तेरी तसवीर बना दूँ मेरा बस चले तो दिल चीर के दिखा दूँ दौड़ रहा है साथ लहू के प्यार तेरा नस नस में न कुछ तेरे बस में ए न कुछ मेरे बस में दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए

Written by: AMRITDEEP SINGH DASU, ANAND BAKSHI, RAJESH ROSHAN, RISHPAL SINGH REKHILyrics © Universal Music Publishing Group, Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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