Tujhse Naraz Nahi Zindagi

SANAM, Drub

तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी हैरान हूँ मैं हो हैरान हूँ मैं तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं हो परेशान हूँ मैं जीने के लिए सोचा ही नहीं दर्द संभालने होंगे मुस्कुराये तो मुस्कुराने के क़र्ज़ उतारने होंगे मुस्कुराऊं कभी तो लगता है जैसे होंठो पे क़र्ज़ रखा है तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी हैरान हूँ मैं हो हैरान हूँ मैं आज अगर भर आई है बूंदे बरस जाएगी कल क्या पता किनके लिए आँखें तरस जाएगी जाने कब गुम हुआ कहाँ खोया इक आंसू छुपा के रखा था तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी हैरान हूँ मैं हो हैरान हूँ मैं तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं हो परेशान हूँ मैं

Written by: GULZAR, RAHUL DEV BURMANLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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