Kissa Kya Kahein
Roop Kumar Rathod
दफ़नाएँगे दफ़नाएँगे
सब कुछ इस दिल
जीना हैं उम्र भर अब
इसी तरह मुश्किल में
किस्सा क्या कहें अब किसीसे
किस्सा क्या कहें अब किसीसे
किस्सा तमाम हो गया
किस्सा क्या कहें अब किसीसे
किस्सा तमाम हो गया
औरो से करू क्यू शिकायत
कोई अपना ही अंजाम दे गया
किस्सा क्या कहें अब किसीसे
बात होठो तक आई थी
बात होठो तक आई थी रुक गयी
नज़रे मिलने वाली थी झुक गयी
बात होठो तक आई थी रुक गयी
नज़रे मिलने वाली थी झुक गयी
ज़िंदगी बसने वाली थी लूट गयी
ज़िंदगी बसने वाली थी लूट गयी लूट गयी
जिसे दिल देना था उसे ही
दिल किसी और को दिया
औरो से करू क्यू शिकायत
कोई अपना ही अंजाम दे गया
किस्सा क्या कहें अब किसीसे
किस्सा तमाम हो गया
सपने सजाए थे जो मैने
सपने सजाए थे जो मैने वो ले गयी
मेरे ही सामने किसी को दे गयी
सपने सजाए थे जो मैने वो ले गयी
मेरे ही सामने किसी को दे गयी
देखते ही देखते किसी में खो गयी
देखते ही देखते किसी में खो गयी खो गयी
कैसे दिल को समझाऊ समझाने वाला जो गया
औरो से करू क्यू शिकायत
कोई अपना ही अंजाम दे गया
किस्सा क्या कहें अब किसीसे
किस्सा तमाम हो गया
सामने ही मेरी किस्मत
हाय
सामने ही मेरी किस्मत उठ गई
एक पल में जैसे हस्ती मीट गयी
सामने ही मेरी किस्मत उठ गई
एक पल में जैसे हस्ती मीट गयी
वो मेरी नही रही तो ज़िंदगी रुख़ गयी
वो मेरी नही रही तो ज़िंदगी रुख़ गयी रुख़ गयी
जीना तो काक जीना मैं तुझ पे जी मर गया
औरो से करू क्यू शिकायत
कोई अपना ही अंजाम दे गया
किस्सा क्या कहें जब किसीसे
किस्सा तमाम हो गया
किस्सा क्या कहें अब किसीसे
किस्सा तमाम हो गया
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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