Aarti Kije Hanuman Lala Ki

अमजद नदीम, रिणी चंद्रा

आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की जाके बल से गिरिवर कांपे जाके बल से गिरिवर कांपे रोग दोष जाके निकट न झांके रोग दोष जाके निकट न झांके अंजनि पुत्र महा बलदाई सन्तन के प्रभु सदा सहाई आरती कीजै हनुमान लला की दे बीरा रघुनाथ पठाए दे बीरा रघुनाथ पठाए लंका जायी सिया सुधि लाए लंका जायी सिया सुधि लाए लंका सो कोट समुद्र सीखाई जात पवनसुत बार न लाई आरती कीजै हनुमान लला की लंका जारि असुर संहारे लंका जारि असुर संहारे सियारामजी के काज सवारे सियारामजी के काज सवारे लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे आनि संजीवन प्राण उभारे आरती कीजै हनुमान लला की पैठि पाताल तोरि जम कारे पैठि पाताल तोरि जम कारे अहिरावण की भुजा उखारे अहिरावण की भुजा उखारे बाएं भुजा असुरदल मारे दाहिने भुजा संत जन तारे आरती कीजै हनुमान लला की सुर नर मुनि आरती उतारें सुर नर मुनि आरती उतारें जय जय जय हनुमान उचारें जय जय जय हनुमान उचारें कंचन थार कपूर लौ छाई आरती करत अंजना माई आरती कीजै हनुमान लला की जो हनुमानजी की आरती गावे जो हनुमानजी की आरती गावे बसि बैकुण्ठ परम पद पावे बसि बैकुण्ठ परम पद पावे आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की

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