Rona Likha Tha

रामजी गुलाटी

सोचा ही नही था तुझे खो दूँगा हंसते हंसते मैं भी इक दिन रो दूँगा सोचा ही नही था तुझे खो दूँगा हंसते हंसते मैं भी कभी रो दूँगा पर मुझको क्या खबर थी तेरी और कहीं नज़र थी इन्न हाथों की लकीरों में तेरा खोना लिखा था मेरे नसीब में तू नही बस रोना लिखा था मेरे नसीब में तू नही बस रोना लिखा था मेरे नसीब में तू नही बस रोना लिखा था मेरे नसीब में तू नही बस रोना लिखा था तू खुश रहे जहाँ भी रहे मैं दिल से माँगूँ दुआयं तेरे लाई मैं ज़िंदगी मेरी नाम करदी तेरे पर तूने मुझे बता क्या किया है मेरे लाई कैसे मिल जाता किस्मत में जो ना लिखा था मेरे नसीब में तू नही बस रोना लिखा था मेरे नसीब में तू नही बस रोना लिखा था मेरे नसीब में तू नही बस रोना लिखा था सब कहते हैं तू ना आएगी फिर भी मैं तेरा इंतेज़ार करता हूँ हन दिल मेरा तूने तोड़ा है फिर भी मैं तुझसे ही प्यार करता हूँ तक़डीरों की लकीरों में यह होना लिखा था मेरे नसीब में तू नही बस रोना लिखा था मेरे नसीब में तू नही बस रोना लिखा था मेरे नसीब में तू नही बस रोना लिखा था मेरे नसीब में तू नही

Written by: Akkhuur, MoodyLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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