Ruk Jana Nahin

Kushal Mangal, राहुल जैन

रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही सूरज देख रुक गया है, तेरे आगे झुक गया है सूरज देख रुक गया है, तेरे आगे झुक गया है जब कभी ऐसे कोई मस्ताना निकले हैं अपनी धुन में दीवाना शाम सुहानी बॅन जाते हैं, दिन इंतज़ार के ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही नैन आँसू जो लिये हैं ये राहों के दिये हैं नैन आँसू जो लिये हैं ये राहों के दिये हैं लोगों को उनका सब कुछ देके यु तो चला था सपने ही लेके कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही साथी ना कारवाँ है, यह तेरा इंतेहाँ है साथी ना कारवाँ है, यह तेरा इंतेहाँ है यूँही चला चल, दिल के सहारे कर ती है मंज़िल, तुझको इशारे देख कहीं कोई रोक नहीं ले, तुझको पुकार के ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही

Written by: LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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