Desh Ki Awaz
Kushal Mangal
हा मैं नाराज़ हू, साज़ हू
देश की आवाज़ हू
कहने को तो modern हू
पर देखता हू वास्तु
कूड़ा कचरा बाहर फेक घर को रखू साफ मैं
नेताओ को गाली देता खुदको करू माफ़ मैं
देश का तो कुछ ना हो पाएगा, ये जानता
कुछ भी ना कर 'अपना time आएगा' ये मानता
की भगवान कुछ ना कुछ तो setting-wetting कर ही लेंगे
सवा-सौ का भोग जो चढ़ाया है वो फल भी देंगे
इमारतों के साए मे मैं छुपके जी रहा हू
खाने मे instagram और facebook पी रहा हू
जब आता है समय कुछ असली काम करने का
तब फट्टू साला मैं बस online ही तो जी रहा हू
हा, मेरे rights है, पर duties का ठिकाना है क्या
जब मौका मिले तब voting करने जाना है क्या
अब vote ही दे रहे हो तो किसी का पक्ष लो
Nota दबा के देश को डूबाना है क्या
हा, मैं नाराज़ हू
देश की आवाज़ हू
हा, मैं नाराज़ हू
देश की आवाज़ हू
अब देखो mba तो कर लिए, जेब वेब भर लिए
काला धन आया तो it officer से डर लिए
C.A. ने बचा लिया धन इधर उधर डाल के
मम्मी ने भी थोड़े पैसे रख लिए संभाल के
मैं कुत्ता हू, काम का वफ़ादार हू
मैं system पे भौकने को कभी भी तैयार हू
मैं fast local की चौथी सीट पे बैठके सफ़र करता हू
तोड़ा black, तोड़ा white मिलाके पैसे भरता हू
newspaper खोला नही की तबाही ही दिखती है
मुश्किले भूलाने वाली दवाई बिकती है
और जो कलम कल को सचाई देखा करती थी
आज वो सफेद झूठ के बारे मे लिखती है
क्यू है के धोखेदारी कैसी है ज़िम्मेदारी
Reservation रखने की किसने की होशियारी
मैं तो बेचारा, बेसहारा, आदतो का मारा
कुछ भी ना करता हू, क्या मैं हू भारत माता पे भारी
हा, मैं नाराज़ हू
देश की आवाज़ हू
हा, मैं नाराज़ हू
देश की आवाज़ हू
हा, मैं नाराज़ हू
देश की आवाज़ हू
हा,मैं नाराज़ हू
देश की आवाज़ हू
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now