Intaha Ho Gai

राघव सच्चर

इन्तहा हो गई इंतज़ार की आई न कुछ खबर मेरे यार की ये हमें है यक़ीं बेवफ़ा वो नहीं फिर वजह क्या हुई इंतज़ार की वो वो वो वो इंतज़ार की वो वो वो वो उ उ हे हे हे हे बात जो है उसमें बात वो यहाँ कहीं नहीं किसी में(हे हे हे हे) वो है मेरी बस है मेरी शोर है यही गली गली में(हे हे हे हे) साथ साथ वो है मेरे ग़म में मेरे दिल की हर खुशी में ज़िंदगी में वो नहीं तो कुछ नहीं है मेरी ज़िंदगी में वो वो वो वो बुझ न जाये ये शमा बुझ न जाये ये शमा बुझ न जाये ये शमा ऐतबार की इन्तहा हो गई इंतज़ार की इंतज़ार की आई न कुछ खबर मेरे यार की न न ये हमें है यक़ीं बेवफ़ा वो नहीं ये हमें है यक़ीं बेवफ़ा वो नहीं फिर वजह क्या हुई फिर वजह क्या हुई इंतज़ार की

Written by: प्रकाश मेहराLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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