Aise Kyun

निखिता गाँधी, राघव चैतन्य

ज़रा ज़रा अभी बात शुरू ही हुई मगर खुश हूँ मैं आज कल ह्म अभी तलाक़ मेरी शाम तो ऐसी ना थी जैसे हल्की है आज कल क्या है ये माजरा कुछ तो है मिल रहा या फिर मैं ही बस मन ही मन क़िस्से बनाने लगा ऐसे क्यूँ हा क्यूँ, हा क्यूँ तू कुछ बोले ना ऐसे क्यूँ हा क्यूँ, हा क्यूँ तू कुछ बोले ना, बोले ना हो एक दिन होल से तुझसे है ये पूछना राते तेरी भी थोड़ी फ़िरोज़ी फ़िरोज़ी सी है भी क्या हो एक दिन रात भर जो तू देखे जाग कर कहना सपने सवेरे गुलाबी गुलाबी से है भी क्या हा एक दिन अकेले में दिल से सोचना एक दिन अकेले में खुद से बोलना क्या है ये माजरा कुछ तो है मिल रहा या फिर मैं ही बस मन ही मन क़िस्से बनाने लगा ऐसे क्यूँ हा क्यूँ, हा क्यूँ तू कुछ बोले ना ऐसे क्यूँ हा क्यूँ, हा क्यूँ तू कुछ बोले ना, बोले ना ऐसे क्यूँ कुछ तो लिखती हूँ लिख के मिटाती हूँ मैं रात भर ऐसे क्यूँ बातें खुद की खुद से छीपाती हूँ मैं आज कल पर ये सब सोचना दिल को यूँ खोलना सब कुछ कह कर ही सबको बताना ज़रूरी है क्या ऐसे क्यूँ हा क्यूँ, हा क्यूँ क्यूँ है बोले ना ऐसे क्यूँ हा क्यूँ, हा क्यूँ क्यूँ है बोले ना बोले ना हे ये ना नाना ना ना ना ना ना ना क्यूँ है बोले ना हा आ

Written by: Raj ShekharLyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), BMG Rights ManagementLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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