Tu Phir Se Aana
कर्मा, रफ़्तार
तू फिर से आना
(?)
भार मस्तकों पे ले चले
जो पुस्तकों से दूर
पनपे जिस ज़मीं पे
उस ज़मीं पे माँ भी मजदूर
मन से नष्ट तन पे कष्ट
रात खाने में है चूर संग लू
ये गरीबी का कसूर
और जो नूर ना बनेंगे
बच्चे कूद में मिलेंगे
नासूर से पले जो कैसे सूरमे बनेंगे
कुछ वो फूल जो खिलेंगे
कुछ को स्कूल ना मिलेंगे
कुछ के पाँव दो छीलेंगे
चुप वो धुल में मिलेंगे
जिसके पेट में अनाज ना
वो किस धर्म का है भला
इक भरम में जीता वो की
कब गरम हो एक तवा
किस करम की मार है
आहार इनका बस हवा
ना मिलती माँ को एक दवा
पिता सवा में गुमशुदा
इक दफा सोचो देश बंद था वो चल पड़ी
आठ मील पहले घर से गिर के धर पे मार पड़ी
जीता नाम बालिका का जीति ना जो एक कड़ी
वो आफन है या जल चुकी ये सोचता मैं हर घडी हर घडी
तू फिरसे आना मुस्कान बनके
मेरे घर में छोटा मेहमान बनके
तू फिरसे आना मुस्कान बनके
और हस्स के जीना मेरी जान बनके
Ya ya(बनके)
पेट में आग लगी है
पर पानी भी तो पास नहीं
छोटे हैं कदम काफी
जवानी भी तो पास नहीं
वो थक चुके इतना की
पटरी पे ही सो जाएँ
पर सुलाने वाली
माँ की कहानी भी तो पास नहीं
जो घर पे हैं वो खुश हैं
जो road पे वो पूछें
की घर की छत मिलेगी कब
कहा पे जाके लूँ चैन
जब माँ छोड़ने आयी थी
तो एक दिन में पहुंचे थे
अब वापस जाने में
मुझको लागरे हैं दीन क्यूँ छह
अब सब धुंधला लग्र
नहीं बची है ताक़त
अब सो ही जाता हूँ
अगले जनम में लुँगा दावत
बस माँ को बतला देना
की थोड़ा दूर ही था मैं
हवा में खुश्बू लेले
मिलने तक लेले राहत
और जो कहते हैं की मरने पर हम
एक लाख देंगे, मानो सोलह मौत आई
और हो गए सोलह लाख
ऊपर शिकायत करूँगा
अब वो हिसाब लेंगे
जो घर तक छोड़ देते
तो बच जाती सोलह लाश
ओ ओ आए आए हू हू हू
तू फिर से आना
हे हे हे हे हे हे
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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