दीप कालसी
कर्मा
देहरादून का मेरा खून यो
बारवी के बाद मैं बारवी के साथ मैं
फ्रेंडज़ोन हुआ मैं अठारवी के साथ मैं
आस्तीन के सांपो के बेकार ही था साथ मैं
अब भाई लोग के साथ मैं तोह आर्मी के साथ मैं
माँ बोले शादी कर शरदारनी के साथ में
भोली हर पंडित को बोले धार्मिक के आदमी
मांग लेंगे हाथ भी पर मांगलिक के साथ नई
ये पंडित बोलै राहु केतु काल्पनिक सी बात थी
पर सालो के रिवाज़ ये मैं बदलूँ कैसे
या बनके कोई संत सब के रख लूँ पैसे
आई मीन आई ऍम जस्ट एन आर्टिस्ट मई ना सुना रहा प्रवचन
ये गाना मेरी गूगली दूसरा जैसे हरभजन
कर वचन खुद से छोड़ लिखना जाके कर भजन
ढंग की बातें लिखनी भारी बात का तू कर वचन
गीता पे नई हाथ रक्खा फिर भी सच्चा हर वचन
नाम मेरा बढ़ रहा तेरा जल रहा पूरा तन बदन
सर्वजन रिवाज ये होंठ पिचेंगे तुम्हारे
कुर्शी जिसको चाहिए घर पे नोट भेजेंगे तुम्हारे
थोड़ा गरीब मैं भी एकलौता कमाता
पर ये टीवी शो नहीं है मुझको वोट नई चाहिए तुम्हारे
स्वागत है
सबका
कड़क माहौल थोड़ा घातक मेरा भबका
स्वागत है
जो भी ज्ञान दे फालतू का
पंक्ति में खड़ा कर
लाफा दे टपका तोह
स्वागत है
सबका
कड़क माहौल थोड़ा घातक मेरा भबका
स्वागत है
जो भी ज्ञान दे फालतू का
पंक्ति में खड़ा कर
लाफा दे टपका
हर शाल नया ब्रेकअप ऐसा सिंगल मैं
वो उनकी गिफ्ट उनक याद भेजे मंगल पे
माइक हाथ में तोह सर्वशक्तिमान लागूं
शब्द भारी पेन मेरा डेढ़सौ का डंबल है
रैप के चक्कर में फोर्थ ईयर वाले एग्जाम छोड़ा
जॉब छोड़ी कोर्स छोड़ा कोई नई कर पाता
ये आजकल के रैपर बोले इतनी दारु पी है
पर किसके पैसे से पी है ये कोई नई बताता
इटस योर बॉय नई हो पाता मुझसे
मैं तुम्हारा अपना कर्मा
खुद बी खुद यहाँ पे
अपना खाना अपना करना अपना मरना अपना घरना अपना घर होता है
मैं कब कहाँ क्या करूँ
ये गुप्ता कपूर और भटनागर को क्या है
फालतू हर लेसेडी
फालतू उगल ना तेरी
कुछ नई ही करने को जाके बातें करलो मेरी
कुछ भी नै है पकड़ने को तोह टाँगे फाड़ लो मेरी
पानी कम पियवा थोड़ा सुसु येलो मेरी
सुसु वाली बात पे वो डर्टी फेलो कह ऋ
तुझको हाई बोलै तोह फिर वो क्यों हेलो कह ऋ
बोले मुझको की कुछ भी अलग मत कर चलने दे जैसा बस गो विथ थी फ्लो ब्रो
पर मैं जिन्दा हूँ और ये पढ़ा मैंने के बस डेड बॉडीज गो विथ थी फ्लो ब्रो
स्वागत है
सबका
कड़क माहौल थोड़ा घातक मेरा भबका
स्वागत है
जो भी ज्ञान दे फालतू का
पंक्ति में खड़ा कर
लाफा दे टपका तोह
स्वागत है
सबका
कड़क माहौल थोड़ा घातक मेरा भबका
स्वागत है
जो भी ज्ञान दे फालतू का
पंक्ति में खड़ा कर
लाफा दे टपका
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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