Papiha Re Mere Piya Se Kahiyo
पारूल घोष
पापिहा रे मेरे पिया से कहीयो जाय
मेरे पिया से कहीयो जाय
मई हूँ कितनी पास पिया के फिर भी कितनी दूर
फिर भी कितनी दूर
एक नदी के दो किनारे एक नदी के दो किनारे
मिलने से मजबूर हाय मिलने से मजबूर
पालक-झरोखे अखियाँ देखे
निस-दिन आस लगाए निस-दिन आस लगाए
पापिहा रे पापिहा रे पापिहा रे
मेरे पिया से कहीयो जाय
मेरे पिया से कहीयो जाय
आज किधर मैं चली अकेली काँप रही मेरी जीवन बेली
आज किधर मैं चली अकेली
अगर मेरा दीपक बुझ जाए किसी पेड़ के नीचे
प्यारे पापिहा साजन से कहना
प्यारे पापिहा साजन से कहना
उनका दामन खीछे उनका दामन खीछे
तेरे याद मे राधा मर गई
दिल का दर्द छुपाये दिल का दर्द छुपाये
पापिहा रे पापिहा रे पापिहा रे
मेरे पिया से कहीयो जाय
मेरे पिया से कहीयो जाय
Written by: Anil Biswas, pradeepLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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