क्यों.. ना हम तुम
चलें टेढ़े-मेढ़े से रास्तों पे, नंगे पाँव रे
चल भटक ले ना बावरे
क्यों ना हम तुम
फिरे जाके अलमस्त पहचानी राहों के परे
चल भटक ले ना बावरे
इन् टिमटिमाती निगाहों में
इन् चमचमाती अदाओं में
लुके हुए, छुपे हुए
है क्या… ख़याल बावरे
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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