Khali Jaam Liye Baithe Ho

Pankaj Udhas

खाली जाम लिए बैठे हो खाली जाम लिए बैठे हो उन आँखों की बात करों रात बहुत हैं, प्यास बहुत हैं बरसातों की बात करों खाली जाम लिए बैठे हो जो पीकर मस्त हुए हैं उनके जिक्र से क्या हासिल जो पीकर मस्त हुए हैं उनके जिक्र से क्या हासिल उनके जिक्र से क्या हासिल जिन तक जाम नहीं पहुँचा हैं उन प्यासों की बात करों रात बहुत हैं, प्यास बहुत हैं बरसातों की बात करों खाली जाम लिए बैठे हो चुप रहने से कट ना सकेगी सदियों लम्बी रात यहाँ चुप रहने से कट ना सकेगी सदियों लम्बी रात यहाँ सदियों लम्बी रात यहाँ जिन यादों से दिल रोशन हैं उन यादों की बात करों रात बहुत है, प्यास बहुत हैं बरसातों की बात करों खाली जाम लिए बैठे हो फिर पलकों पर जुगनू चमकें आँखों में घटा सी लहराई फिर पलकों पर जुगनू चमकें आँखों में घटा सी लहराई आँखों में घटा सी लहराई ठण्डी हवा का जिक्र करों कुछ भीगी रुतों की बात करों रात बहुत हैं, प्यास बहुत हैं बरसातों की बात करों खाली जाम लिए बैठे हो उन आँखों की बात करों खाली जाम लिए बैठे हो

Written by: MUMTAZ RASHID, PANKAJ UDHASLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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