Bekhudi

Pankaj Udhas

देखाली बेखुदी कुच्छ आज नही एक मुद्दत से वो निज़ाज़ नही हुँने अपनी सिकी बहोट लेकिन मर्ज़े इश्क़ का इलाज़ नही बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको देर से इंतज़ार हैं अपना बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको रोते फिरते हैं सारी सारी रात रोते फिरते हैं सारी सारी रात अब यहीं रोजगा हैं अपना बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको देके दिल ने हम जो हो गये मजबूर देके दिल ने हम जो हो गये मजबूर किसने क्या इकतियार हैं अपना बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको जिसको तुम आसमान कहते हो जिसको तुम आसमान कहते हो सो दीनो का वो बात हैं अपना बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको देर से इंतज़ार हैं अपना बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको

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