Hum Hindustani

Usha Khanna, पद्मजीत सेह्रावत

छोड़ो कल की बाते कल की बात पुरानी नए दौर मे लिखेगे मिल कर नई कहानी हम हिंदुस्तानी हम हिंदुस्तानी हम हिंदुस्तानी हम हिंदुस्तानी आज पुरानी ज़ाजीरो को तोड़ चुके है क्या देखे उस मज़िल को जो छोड़ चुके है चाँद के दर पर जेया पहुचा है आज ज़माना नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके है नया खून है नई उमागे अब है नई जवानी हम हिंदुस्तानी छोड़ो कल की बाते कल की बात पुरानी नए दौर मे लिखेगे मिल कर नई कहानी हम हिंदुस्तानी हम हिंदुस्तानी हम हिंदुस्तानी हम हिंदुस्तानी हर ज़र्रा है मोटी आँख उठाकर देखो माटी मे सोना है हाथ बढ़ाकर देखो सोने की ये ग़ागा है चांदी की जमुना चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो नया खून है नया उमंग है अब है नयी जवानी हम हिंदुस्तानी छोड़ो कल की बाते कल की बात पुरानी नए दौर मे लिखेगे मिल कर नई कहानी हम हिंदुस्तानी हम हिंदुस्तानी हम हिंदुस्तानी हम हिंदुस्तानी

Written by: Kamal Joshi, Prem Dhawan, Usha KhannaLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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