Hum Albele Saudagar
उषा खन्ना, Mohammed Rafi
हम अलबेले सौदागर
छोटी सी दुकान सजा कर
हम अलबेले सौदागर
छोटी सी दुकान सजा कर
दिल्ली के बाजार से आये
नयी निराली चीज़ें लाये(नयी निराली चीज़ें लाये)
बेचते हैं रस्ते में(बेचते हैं रस्ते में)
रस्ते का माल सस्ते में(रस्ते का माल सस्ते में)
बेचते हैं रस्ते में(बेचते हैं रस्ते में)
रस्ते का माल सस्ते में(रस्ते का माल सस्ते में)
हर चीज़ मिलेगी बढ़िया
कुछ लेते जाओ बाबू
हर चीज़ मिलेगी बढ़िया
कुछ लेते जाओ बाबू
बाजार से कीमत कम है
जो चाहो ख़रीदो बाबू
ऊँची दूकान का तो
फीका पकवान है
सच्चा है माल अपना
सच्ची ज़बान है
बेचते हैं रस्ते में(बेचते हैं रस्ते में)
रस्ते का माल सस्ते में(रस्ते का माल सस्ते में)
बेचते हैं रस्ते में(बेचते हैं रस्ते में)
रस्ते का माल सस्ते में(रस्ते का माल सस्ते में)
मैं छोटा सा पोलिश वाला
कुछ मेरी भी सेवा लेना
शीशे की तरह जूतों को
चमकाऊ तो पैसे देना
पोलिश की एक डिबिया
घर लेते जाओ
बेचते हैं रस्ते में(बेचते हैं रस्ते में)
रस्ते का माल सस्ते में(रस्ते का माल सस्ते में)
बेचते हैं रस्ते में(बेचते हैं रस्ते में)
रस्ते का माल सस्ते में(रस्ते का माल सस्ते में)
ये चूड़ियां ये झुमके
ये साड़ी बनारस वाली
ये चूडियां जे झुम्के
ये साड़ी बनारस वाली
सब लेते जाओ बाबू
खुश हो जाए घरवाली
रूठे मेहबूब को
जो चाहो मनाना
अपनी दूकान पर
तुम संग ले के आना
बेचते हैं रस्ते में(बेचते हैं रस्ते में)
रस्ते का माल सस्ते में(रस्ते का माल सस्ते में)
बेचते हैं रस्ते में(बेचते हैं रस्ते में)
रस्ते का माल सस्ते में(रस्ते का माल सस्ते में)
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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