Durge Durghat Bhari

Mohan, संचिता, सरिता, अजिता, Ashvin, Prtap, रुपाली, संजय

दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी वारी वारीं जन्ममरणाते वारी हारी पडलो आता संकट नीवारी जय देवी जय देवी जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी (जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी) सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी (सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी) जय देवी जय देवी त्रिभुवनी भुवनी पाहतां तुज ऎसे नाही चारी श्रमले परंतु न बोलावे काहीं साही विवाद करितां पडिला प्रवाही ते तूं भक्तालागी पावसि लवलाही जय देवी जय देवी जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी (जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी) सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी (सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी) जय देवी जय देवी प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासां क्लेशापासूनि सोडी तोडी भवपाशा अंबे तुजवांचून कोण पुरविल आशा नरहरि तल्लिन झाला पदपंकजलेशा जय देवी जय देवी जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी (जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी) सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी (सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी) जय देवी जय देवी

Written by: Traditional, Yeshwant DeoLyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network, Sony/ATV Music Publishing LLC, Peermusic PublishingLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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