Saiyan Re
Palak Muchhal, Mohammed Irfan
लम्हा लम्हा मुझको
ये एहसास होने लगा है
दिल की ज़मीं पे
कोई प्यार होने लगा है
इक उन्स दरमियाँ हैं
हालत इश्किया है
जो लभ ना कह सके वो
इस दिल ने कह दिया है
अजब है खुमारी
अजब है सुरूर
मुझे कुछ ना कुछ तो
हुआ है ज़रूर
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे
परिंदों से उड़ जायें
आ हमसफ़र
की हमपे हुआ
चाहतों का असर
हो परिंदों से उड़ जायें
आ हमसफ़र
की हमपे हुआ
चाहतों का असर
फलक से भी आगे
कहीं हम चलें
बना ले वहीं
अपनी चाहत का घर
तेरे संग बह रहा है
मेरी रूह का शिकारा
जहाँ जन्नतें मेरी है
तू है वही किनारा
अजब है खुमारी
अजब है सुरूर
मुझे कुछ ना कुछ तो
हुआ है जरुर
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे
है साहिल भी तू
मेरे अन्दर भी तू
मेरे ख्वाहिशों का
समन्दर भी तू
हाँ है साहिल भी तू
मेरे अन्दर भी तू
मेरे ख्वाहिशों का
समन्दर भी तू
जुबां पे तेरी
बस तेरी बात है
के दामन अब
तेरी सौगात है
मेरी हाथ की लकीरें
तेरे नाम से जुड़ी हैं
जबसे मिला मुझे तू
मेरी नींद तक उड़ी है
अजब है खुमारी
अजब है सुरूर
मुझे कुछ ना कुछ तो
हुआ है जरुर
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे, सैयां रे
सैयां रे
Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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