अरसे बाद आज फिर से
चाँद उतरा ज़मीन पर
अरसे बाद आज फिर से
चाँद उतरा ज़मीन पर
मेरी खिड़की पे आ कर सज़ा जा बवर
चाँदनी में मुझिको भीगा ले जा
चुपके से दिल मे उतरना
मुझको भला लग रहा
धीरे से दिल का मचलना
मुझको भला लग रहा
चुपके से दिल मे उतरना
मुझको भला लग रहा ओ ओ
बरसो से भूला हुआ कोई अपना
यूँ याद आता रहा
हा बरसो से भूला हुआ कोई अपना
यूँ याद आता रहा
ख़यालों मे उसका यूँ आते ही रहना
मुझको भला लग रहा
उसकी बातें बातों में राते कटें
साथ गुज़रे वो पल याद आते हैं
चुपके से चाँद का तकना
मुझको भला लग रहा ओ ओ
धीरे से दिल का मचलना
मुझको भला लग रहा
चुपके से चाँद का तकना आ आ आ
मुझको भला लग रहा
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
Written by: PIYUSH DEEPAK SHANKAR, SANGEETA GUPTALyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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