Ik Mulaqaat
अल्तमश फरीदी, मीत ब्रोस, मीत ब्रदर्स, पलक मुच्छल
आ आ आ आ
मैं भी हूँ तू भी है आमने सामने
दिल को बहका दिया इश्क के जाम ने
मैं भी हूँ तू भी है आमने सामने
दिल को बहका दिया इश्क के जाम ने
मुसलसल नज़र बरसती रही
तरसते हैं हम भीगे बरसात में
इक मुलाक़ात
इक मुलाक़ात में बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना गज़ब हो गया
कल तलक वो जो मेरे ख्यालों में थे
रूबरू उनका आना गज़ब हो गया
मोहब्बत की पहली मुलाक़ात का
असर देखो ना जाने कब हो गया
इक मुलाक़ात में बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना गज़ब हो गया
मख्ताबह दैदतह का कुछ ख्याल नहीं है
इक तरफ मैं कहीं इक तरफ दिल कहीं
आँखों का ऐतबार मत करना
ये उठे तो कत्लेआम करती हैं
कोई इनकी निगाहों पे पहरा लगाओ यारों
ये निगाहों से ही खंज़र का काम करती है
मख्ताबह दैदतह का कुछ ख्याल नहीं है
इक तरफ मैं कहीं इक तरफ दिल कहीं
एहसास की ज़मीं पे क्यूँ धुआँ उठ रहा
है जल रहा दिल मेरा क्यूँ पता कुछ नहीं
क्यूँ ख्यालों में कुछ बर्फ सी गिर रही
रेत की ख्वाहिशों में नमी भर रही
मुसलसल नज़र बरसती रही
तरसते हैं हम भीगे बरसात में
इक मुलाक़ात
इक मुलाक़ात में बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना गज़ब हो गया
कल तलक जो मेरे ख्यालों में थे
रूबरू उनका आना गज़ब हो गया
मोहब्बत की पहली मुलाक़ात का
असर देखो ना जाने कब हो गया
इक मुलाक़ात में बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना गज़ब हो गया
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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