O Re Kaharo

कल्पना पटोवरी, अल्तमश फरीदी

ओ रे कहारो डोली उतारो पल भर को ठहरो तो ज़रा दिल से लगा के बस इक दफ़ा वे देने दो गुड़ियों को दुआ तेरी बिंदिया निखर के चूड़ीया बिखर के चुनरी में चेह्के तेरा कजरा हो कारा गजरा हो प्यारा अंगना तेरा महके तेरा जियरा ये झूमे पियारा जो चूमे तन मन ये दमके तोहे आंच न आये लाज न जाए अंग अंग ये चमके ओ रे कहारो डोली उतारो छुट गयी डोरी तेरी छुट गईयाँ छैय्या छुट गयी डोरी तेरी छुट गईयाँ छैय्या तकिये पे तेरे तारे बिछाए चाँद ये तेरे लिए ठुमरियां गाये खिड़की पे तेरी रात की रानी मूर्तियाँ लेके लोरी सुनाये सो जा, सो जा गुडिया सो जा अंखियों से तू ओझल हो जा ओ री सुबह ओ अब ना जगाओ पल भर को ठहरो तो ज़रा नींद ये आधी, सपना ये आधा पूरा तो होने दो ज़रा तेरी बिंदिया निखर के चूड़ीया बिखर के चुनरी में चेह्के तेरा कजरा हो कारा गजरा हो प्यारा अंगना तेरा महके तेरा जियरा ये झूमे पियारा जो चूमे तन मन ये दमके तोहे आंच न आये लाज न जाए अंग अंग ये चमके ओ रे कहारो डोली उतारो छुट गयी डोरी तेरी छुट गईयाँ छैय्या छुट गयी डोरी तेरी छुट गईयाँ छैय्या झुमके झूमर नाक की कीलें एक एक करके उतरेंगे गहने देती हूँ तुझको जो नज़रें चुराके चुनरी दुआओं की ये रखना तू पहने सो जा, सो जा गुडिया सो जा अंखियों से तू ओझल हो जा ओ रे कहारो डोली उठालो पल भर को ठहरो अब नहीं ना है बालाएं ना है दुआएं देने को है अब कुछ नहीं तेरी बिंदिया निखर के चूड़ीया बिखर के चुनरी में चेह्के तेरा कजरा हो कारा गजरा हो प्यारा अंगना तेरा महके तेरा जियरा ये झूमे पियारा जो चूमे तन मन ये दमके तोहे आंच न आये लाज न जाए अंग अंग ये चमके तेरी बिंदिया निखर के हम्म तेरा कजरा हो करा गजरा हो प्यारा आआआआ तेरा जियरा ये झूमे हम्म तोहे आंच न आये लाज न जाए आआआआ बिंदिया निखर के चूड़ीया आआआआ तेरा कजरा हो करा गजरा हो प्यारा आआआआ

Written by: ANU MALIK, KAUSAR MUNIRLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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