जब चोट कभी मेरे लग जाती थी
तो आँख तेरी भी तो भर आती थी
माँ ओ माँ ओ माँ ओ
जब चोट कभी मेरे लग जाती थी
तो आँख तेरी भी तो भर आती थी
एक छोटी सी फूँक से तेरी
सभी दर्द मेरे होते थे गुम
आज भी कोई चोट लगे तो
याद आती हो याद आती हो
आज भी मेरी आँख भरे तो
याद आती हो याद आती हो तुम
माँ मेरी माँ मेरी मेरी माँ..आ
ओ माँ मेरी माँ मेरी मेरी माँ..आ
तेरी बातों में अपनी हर इक मैं
उलझन का हल पा लेता था
तेरे हाथों की रोटी अक्सर ही
भूख से ज़्यादा खा लेता था
तेरी बातों में अपनी हर इक मैं
उलझन का हल पा लेता था
तेरे हाथों की रोटी अक्सर ही
भूख से ज़्यादा खा लेता था
तेरा हिस्सा मैं तेरा किस्सा मैं
जो सबको सुनाती हो तुम
आज भी मेरी बात चले तो
याद आती हो याद आती हो तुम
आज भी मेरी आँख भरे तो
याद आती हो याद आती हो तुम
माँ मेरी माँ याद आती हो
माँ मेरी माँ मेरी माँ
कोने को थामे तेरे आँचल के
बे फ़िक्रा मैं सो जाता था
मेरे दिल में क्या है तेरे बिना माँ
कोई समझ ही ना पाता था
जो हो संग तू ना तो हो जग सुना
प्यार इतना जताती हो तुम
आज भी कोई साज़ लगे तो
याद आती हो याद आती हो तुम
आज भी मेरी आँख भरे तो
याद आती हो याद आती हो तुम
माँ ओ मेरी माँ मेरी माँ आ
मेरी माँ मेरी माँ मेरी माँ माँ
Written by: IRSHAD KAMIL, PRITAM CHAKRABORTYLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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