Khel Khel Mein
KK, Sachin-Jigar
हो जब हमको मिला मैदान तो
बन जाएँगे तूफान वो
जो कतराए बढ़ता जाए
बढ़ के हर बंदिश को तोड़ दे
रोके से नही रुकना है
धोखे से नही झुकना है
अब लेंगे हम बस वही कदम
अरे जो रस्ता मंज़िल को जोड़ दे
आँखों में जागता एक खवाब है
कुछ कर दिखाने के लिए
हम तो जाये जहां, बन जाए दास्तां
सारे ज़माने के लिए
चल यार तू सबको पीछे छोड़ दे
खेल-खेल में, ताल मेल में
लपक झपक के निकलेंगे हम
कभी इधर से, कभी उधर से
पटक-पटक के निकलेंगे
खेल-खेल में, ताल मेल में
लपक झपक के निकलेंगे हम
कभी इधर से, कभी उधर से
पटक-पटक के निकलेंगे
हो, आसानियों से कुछ नही मिलता
कठिनाइयों के पल भी आएँगे
हिम्मत अगर ना हमने हारी तो जीत जायेंगे
हम जो चलेंगे होसला लेके
लाखों करोड़ो की दुआ लेके
बादल का साया बन के मैदान पे हम छाएँगे
किस्मत की कलाई यार मोड़ दे
जब हमको मिला मैदान तो
बन जाएँगे तूफान वो
जो कतराए बढ़ता जाए
बढ़ के हर बंदिश को तोड़ दे
रोके से नही रुकना है
धोखे से नही झुकना है
अब लेंगे हम बस वही कदम
अरे जो रस्ता मंज़िल को जोड़ दे
खेल-खेल में, ताल मेल में
लपक झपक के निकलेंगे हम
कभी इधर से, कभी उधर से
पटक-पटक के निकलेंगे
खेल-खेल में, ताल मेल में
लपक झपक के निकलेंगे हम
कभी इधर से, कभी उधर से
पटक-पटक के निकलेंगे
Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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