Dhundla Jo Sama Bandha

कैलाश खेर

यह आँखें तरसी तरसी बरखा बरसी बरसी आंसुओं की बारिशों में देखो मुस्कुराहटो का सिलसिला है फूल राहतो का यह खिला है हाँ खो गया था भीड़ में कहीं जो हमनवा वो फिर आज मिला है प्यार का हसीं सिला है हाँ ओ सजनी सीने से लगके तू रोने दे (ओ ओ ओ) त न त न त न त न त न त न त न त न हो हो हो हो हो हो हो हो हो आ हा जिंदगी के आस पास ऐसे साथ रहते न चला पता छूटी कब हाथ से आज यु मगर नज़र ने चुपके हुमको है यह फिर दिया बता ओ साथ है धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है (धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है) शायद वक़्त ने तेरे संग किया यह प्यारा इन्साफ है (शायद वक़्त ने तेरे संग किया यह प्यारा इन्साफ है) धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है (धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है) यह है तेरे ही खातिर बलिये हाजिर जिले नयी सी सुबह (यह है तेरे ही खातिर बलिये हाजिर जिले नयी सी सुबह) मुस्कुरा मुस्कुरा मुस्कुरा खुशगवार पल है आज ऐसे झुमके बरसी यूँ घटा जरा भीगी है सांस भी इक नयी किरण हो साथ जैसे गुंजी इक नयी सदा जरा है रौशनी धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है (धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है) शायद वक़्त ने तेरे संग किया यह प्यारा इन्साफ है (शायद वक़्त ने तेरे संग किया यह प्यारा इन्साफ है) धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है (धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है) यह है तेरे ही ख़ातिर बलिये हाजिर जिले नयी सी सुबह (यह है तेरे ही ख़ातिर बलिये हाजिर जिले नयी सी सुबह) मुस्कुरा मुस्कुरा ततततत धींत धींत धींत धींत धींत तत ततततत धींत धींत धींत धींत धींत तत ततततत धींत धींत धींत धींत धींत तत ततततत जिंदगी के आस पास ऐसे साथ रहते न चला पता छूटी कब हाथ से आज यु मगर नज़र ने चुपके हुमको है यह फिर दिया बता ओ साथ है धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है (धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है) शायद वक़्त ने तेरे संग किया यह प्यारा इन्साफ है (शायद वक़्त ने तेरे संग किया यह प्यारा इन्साफ है) धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है (धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है) यह है तेरे ही ख़ातिर बलिये हाजिर जिले नयी सी सुबह (यह है तेरे ही ख़ातिर बलिये हाजिर जिले नयी सी सुबह) धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है (धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है) शायद वक़्त ने तेरे संग किया यह प्यारा इन्साफ है (शायद वक़्त ने तेरे संग किया यह प्यारा इन्साफ है) धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है (धुन्दला जो समां बांधा हाँ वह आज साफ़ है)

Written by: IRFAN SIDDIQUI, RAIOMOND MIRZALyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network, Shemaroo Entertainment LimitedLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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