Aadat Nahi Tum Bin

Jyotica Tangri

आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की हां आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की हर साँस को ज़हेर के जैसे पीने की हर साँस को ज़हेर के जैसे पीने की आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की बेन्तेहा तुझको चाहूं मैं एक पल जो बिन तेरे जी ना पाउ मैं तो कैसे जीउँगा मैं ज़िंदगी सारी दिल पे मेरे है तेरी खुमारी धड़कन ना चलेगी तुम बिन सीने की आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की हर पल रहूं साथ मैं तेरे अब चाहे यही रात दिन मेरे बयान हाले दिल है इन निगाहों से हासिल सुकून है तेरी पनाहों से ना वक़्त कभी ना आए घूम सीने की आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की हर साँस को ज़हेर के जैसे पीने की हर साँस को ज़हेर के जैसे पीने की आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की जीने की

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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