Taajub Hai

जोनिता गाँधी

तू था तू, मैं थी मैं ऐसे कैसे हम हुए खामखा का ये फितूर तू भी ना, मैं भी ना ऐसे कैसे हा हुए खामखा सा ये फितूर चहका ये क्यूँ बहका ये क्यूँ अरे छलका छलका दिल हमारे से इश्क़ में इस तरह क्यूँ फ़साए मुझे दिल मेरे सच मुझे तुझपे ताजुब है इश्क़ में बेवजाह क्यूँ सताए मुझे दिल मेरे सच मुझे तुझपे ताजुब है ताजुब है हा हा हा इश्क़ से भीड़ जाए जाके देखो इसकी दादागिरी देखो प्रीत से पीटता है जाके देखो इसकी बेशरमाई देखो सब कच्ची पक्की खाके फिर लंबी लंबी हाके और चुप्पे चुप्पे आफ़ते मचाए क्यूँ गिरता है क्यूँ पड़ता है क्यूँ अरे छलका छलका दिल हमारे से इश्क़ में इस तरह क्यूँ फ़साए मुझे दिल मेरे सच मुझे तुझपे ताजुब है इश्क़ में बेवजाह क्यूँ सताए मुझे दिल मेरे सच मुझे तुझपे ताजुब है ताजुब है छुप जाता है हल्की सी मुस्कान गाल पर फेंक के रुक जाता है बीच हवा में ना जाने क्या देख के इश्क़ में इश्क़ में इश्क़ में इश्क़ में इश्क़ में इश्क़ में इश्क़ में इश्क़ में इश्क़ में इश्क़ में इश्क़ में इश्क़ में इस तरह क्यूँ फ़साए मुझे दिल मेरे सच मुझे तुझपे ताजुब है इश्क़ में बेवाज क्यूँ सताए मुझे दिल मेरे सच मुझे तुझपे ताजुब है ताजुब है (ताजुब है) हां हां हां हां ताजुब है

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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