Woh Toh Yahin Hai Lekin

जोनिता गाँधी

वो तो यहीं है लेकिन हर कोई उसको ढूंढें परवाह नहीं है उसको दिल चाहे जान भी छूटे खुद को मनाता रहता चाहे ये दुनिया रूठे नींदों में घुस के करे सपने बर्बाद जिस्म और जान में अब ऐसे उतर जाएगा आइना देखिये तो वो सिर्फ नज़र आएगा वो तो यहीं है लेकिन हर कोई उसको ढूंढें नींदों में घुस के करे सपने बर्बाद ख़ुद ही उड़ा कर सबके पंखों को काटे वो काले फ़साने लिखता काजल चुराके वो ख़ुद को सिर्फ याद रखता दुनिया भुलाके वो सदियाँ बिखेर डाला लम्हों में आके वो पंखों को काटे पहले फिर वो करे आज़ाद नींदों में घुसके करे सपने बर्बाद हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा

Written by: DR SAGAR, VIPIN PATWALyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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